जब यहां से थोडा और आगे बढ़े तो गाइड ने एक बेंच दिखाई जहाँ बैठकर लोग फोटो खींचते और खींचाते हैं। गाइड ने बताया की इस बेंच को प्रिंसेस डायना के नाम से जोडा गया है क्योंकि जब वो भारत आयी थी तो उसने वहां दो घंटे तक फोटो खींचवायी थी। वहां से थोडा और आगे बढने पर उसने बताया की वहां पर सोलह बगीचे और चौव्वन फव्वारे हैं, और ये सारे फव्वारे एक लाईन में बने हैं, और जब हमनें देखा तो पाया कि वाकई में सारे फव्वारे बिल्कुल एक सीध में हैं।
गाइड ने ताजमहल की बाउंड्री वाल को दिखाकर बताया कि वह एक सौ तीस फ़ीट उँची है और ताज के ऊपर जो ब्रास लगा है उसकी ऊंचाई तीस फ़ीट है हालांकि वो देखने में ज्यादां ऊंचा नहीं लगता है। फिर वहां से बाईस सीढ़ियां चढ़कर ऊपर पहुंचे तो वहां ताज के चारों ओर जो पिलर हैं उन्हें दिखाकर कर उसने बताया कि ये पिलर थोड़े बाहर की ओर झुके हुए हैं जिससे अगर कभी कुछ हो जैसे भूकंप वगैरा तो ये पिलर बाहर की ओर गिरें जिससे ताज महल को कोई नुकसान ना हो। ताज महल के अन्दर अब तो सिर्फ शाहजहाँ और मुमताज महल की कब्र की रिप्लिका ही देखी जा सकती है क्योंकि पहले जिन सीढ़ियों से नीचे जाकर उनकी कब्र देखी जाती थी वो सीढियाँ अब बंद कर दी गयी हैं। वैसे तो बाहर बडे-बडे शब्दों मे लिखा है कि ताज महल के अन्दर फोटो खींचना मना है लेकिन लोग फोटो खींचने से कहॉ बाज आते हैं। अन्दर गाइड ने एक दीवार पर बने फूल को दिखाकर कहा कि बांई ओर जहाँ उस फूल को सीधा बनाया गया है वहां तो ॐ लिखा लगता है और दांई ओर जहाँ फूल को उल्टा बनाया है वहां अल्लाह लिखा हुआ लगता है। सारा दिन घूमने के बाद हम बाहर आ गये, फ़िर हम आगरा घूमें, खूब खरीदारी भी की
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2 comments:
बहुत साल पहले देखआ था ताज महल आपने दुबारा सैर करवा दी । धन्यवाद।
चलो, बढ़िया है आगरा घूम लिए.
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