Monday, October 13, 2008

जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगरी (पिंक सिटि) के नाम से भी जाना जाता है, भारत के राजस्थान की राजधानी है। इसे भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर की स्थापना सत्तहर सौ अठाइस में जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वारा की गयी थी। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी पत्थरों से होती है। पूरा शहर करीब छह से ज्यादा भागों में बँटा है और चौड़ी सड़कों से विभाजित है।
जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारी द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, आभूषण का आयात-निर्यात आदि शामिल हैं।
जयपुर की रंगत अब बदल रही है, साथ ही बदल रही है इसकी आबोहवा, किन्तु पिछले तीन सौ साल पहले से सजे इस शहर में विकास का पहिया निरन्तर घूम रहा है। हाल में ही जयपुर को विश्व के दस सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल किया गया है। यह जयपुर वासियों के लिये ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत वासियों के लिये गर्व की बात है।
पिछले कुछ सालों से जयपुर में मेट्रो संस्कृति के दर्शन भी होने लगे हैं, चमचमाती सडकें, बहुमंजिला शापिंग माल, आधुनिकता को छूती आवासीय कालोनियां, आदि महानगरों की होड करती दिखती हैं। पुराने जयपुर और नये जयपुर में नई और पुरानी संस्कृति के दर्शन जैसे इस शहर को विकास और इतिहास दोनों को स्पष्ट करते हैं। प्रगति के पथ पर गुलाबी नगर गतिमान है और वह दिन दूर नहीं जब यह शहर महानगरों में शुमार हो जायेगा।
जयपुर में आने के बाद पता चलता है,कि हम किसी रजवाडे में प्रवेश कर गये हैं, शाही साफ़ा बांधे जयपुर के बना और लहंगा चुन्नी से सजी जयपुर की नारियां, गपशप मारते जयपुर के बुजुर्ग लोग, राजस्थान भाषा में कितनी प्यारी बोलियाँ, पधारो महारे देश जैसा स्वागत,और बैठो सा,जीमो सा,जैसी बातें,कितनी सुहावनी लगती है।जयपुर प्रेमी कहते हैं कि जयपुर के सौन्दर्य को देखने के लिये कुछ खास नजर चाहिये।

1 comment:

राजेश चौधरी said...

बेशक, दुनिया के सबसे बेहतरीन शहरों में एक है जयपुर.