Sunday, October 5, 2008

एक चाय का प्याला

“माँ माँ !” एक लड़का चिल्लाते हुए अपने घर पहुँच गया।
“क्या? राहुल, क्या हुआ?” राहुल की माँ बैठी चाय पी रही थी जब राहुल अन्दर पहुँचा, उसने वह चाय का कप मेज़ पर रख दिया और राहुल की तरफ़ देखा। राहुल हंस रहा था और उसके दोनो हाथ उसकी पीठ के पीछे थे, “तुम अपनी पीठ के पीछे मुझसे क्या छुपा रहे हो?”
राहुल ने हंसते हुए कहा, “आज सारे स्कूल ने एक परीक्षा लिखी थी, कुछ दो सो से ऊपर विद्धार्थी थे और फ़िर हमें पता लगा कि सिर्फ एक ही विद्धार्थी ने उस परीक्षा में पूरे अंक लिए।”
राहुल वहाँ रुक गया और उसकी माँ ने कहा, “और वो विद्धार्थी कौन था?”
“आप उसे जानते हो।”
माँ ने गुस्से से कहा, “पता दो ना!”
राहुल ने अपनी पीठ के पीछे से एक गोल्ड मैडल निकाल के उसकी माँ को दिखाया, “उस लड़के को ये मिला।”
माँ बहुत खुश हुई, “वाह वाह! ये तो बहुत अच्छा है।” वह चाय का कप उठा कर होली होली पीते हुए कहने लगी, “तुम्हें पता है? तुम्हारा भाई पिछले दो हफ्ते से एक तस्वीर पर काम कर रहा है। वह बहुत सुन्दर है, उसमें सुन्दर सुन्दर फ़ूल और पहाड़ हैं। मैं सोच रही थी कि जब वह खत्म हो जाएगी तो हम उसे यहां कहीं टांग देंगे। राजू उस पर दिन रात काम करता है, वह कितना मेहनती बेटा है।”
“मैं अपने कपड़े बदल कर आता हूँ।” राहुल ने कहा और वह अन्दर चला गया। अपने कमरे में पहुंच कर और खिड़की खोल कर उसने अपना मैडल बाहर फ़ेंक दिया। वह कमरे में कुछ ढूंढने लगा, तस्वीर बनाने के लिए।

घर के दूसरे कमरे से राजू दौड़ते हुए आया, “माँ माँ!”
राजू की माँ ने वही चाय का कप रखा और कहा, “राजू, क्या हुआ?”
राजू ने हंसते हुये कहा, “मैंने अपनी तस्वीर खत्म कर ली है, आ कर देखिये!”
माँ बहुत खुश हुई, “वाह वाह! ये तो बहुत अच्छा हुआ।” वह उसके चाय का कप उठा कर होली होली पीते हुए कहने लगी, “मुझे अपनी चाय तो खत्म करने दो। तुम्हें पता है? तुम्हारे भाई ने एक गोल्ड मैडल जीता उसकी पढ़ाई में। राहुल दिन रात पढ़ता है, वह कितना दिमागी बेटा है।”
“अच्छा आप बाद में देख लेना।” कह कर राजू अपने कमरे में पढ़ने चला गया।

राजू और राहुल की माँ ने अपना चाय का कप शान्ति से पीने लगी।

6 comments:

शोभा said...

इसीतरह सुंदर विचार देकर जाग्रति लेट रहिये.

हिन्दीवाणी said...

Good story.

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा लिखा!

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदरविचार कहानी के माध्यम से धन्यबाद आपका स्वागत है
आपको मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रण है मेरी नई रचना " कांग्रेसी दोहे " पढने के लिए
प्रतीक्षा है

Anonymous said...

achchi kahani.pasand aayi.

----------- Vishal

Amit K Sagar said...

बहुत बढ़िया. कमाल.