Tuesday, September 30, 2008

बुराई का फ़ल

एक बार एक बुरी औरत थी। उसने अपनी ज़िंदगी में कभी कोई अच्छा काम नहीं किया था। कभी किसी का भला नहीं चाहा। एक दिन वह मर गई। जब उसकी आत्मा को फरिश्ता भगवान के पास ले कर गया तो भगवान ने उसके बुरे कर्मों के कारण नरक में जाने का आदेश दिया। तभी फरिश्ते ने भगवान को कहा कि इस औरत ने अपनी ज़िंदगी में एक बार एक अच्छा काम किया है --- उसने एक भिखारी को एक आम का फ़ल दिया था, इस लिए उसे एक मौका दिया जाना चाहिए। भगवान ने कहा, “ठीक है, जाओ उसे एक मौका दो”। फ़रिश्ता नरक में गया और उस औरत से कहा, “तुमने एक अच्छा कर्म किया है इसलिये मेरा हाथ पकड़ो, मैं तुम्हें स्वर्ग में ले चलता हूं”। जैसे ही औरत ने फ़रिश्ते का हाथ पकड़ा और वह उसे ऊपर खींचने लगा तो कई और लोगों ने उस औरत के पैर पकड़ लिए, कहने लगे कि हमें भी ले चलो। उन से अपने पैर छुड़ाने के लिए वह अपनी टांगे हिलाने लगी और कहने लगी, “सिर्फ़ मैं जाऊँगी, तुम नहीं”। अपनी पैर छोड़ा के चक्कर में उसका हाथ फ़रिश्ते के हाथ से छूट गया और वह वापिस नरक में गिर गई।

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